----विकाश,एड इण्डिया
Saturday, July 18, 2009
मेडिकल टीम रिपोर्ट from Bihar Flood ZOne
----विकाश,एड इण्डिया
Wednesday, July 15, 2009
बिहार में बाढ़ पीड़ितों के बीच लगातार मेडिकल कैम्प जारी
2. एड इंडिया के स्वरोजगार अभियान के तहत रिक्सा-ढ़ेला वितरण एवं पुर्नवास योजना के तहत 20 घरों का वितरण। यह कहानी है बिहार के कोशी पिड़ित उन गरीबांे और मजबूरों की जिनके जिंदगी को आगे बढ़ाने के सारे श्रोत उनके पिछले साल कोशी ने छिन ली। हम यहां चर्चा कर रहे हैं उन बेवशांे की जो पिछले एक साल से खुले आसमान के नीचे तेज धुप और वर्षा मंे जिल्लत की जिंदगी जिने को विवश हैं। हम सब जानते हैं कि पिछले साल जब बिहार मंे कोशी के प्रलयंकारी बाढ़ ने तबाही मचायी तो तत्काल जो जान-माल की क्षति हुई सो तो हुई ही लेकिन असली तबाही की शुरूआत भी इस बाढ़ पिड़ित इलाके मंे यहीं से शुरू हो गया था जो रूकने का नाम ही नहीं ले रहा। लोगांे के सामने रोजगार के सारे अवसर समाप्त हो गया। ज्यादातर खेत रेतिली हो गयी। कुछ बची भी है तो गरीबांे को खेत मंे काम करने के उपकरण नहीं हैं सभी बह गयें और खरीदने की हालत भी उनकी नहीं हैं। विभिन्न प्रकार के मजदूरी के दक्ष्य लोगांे के सामान बह चुके। ऐसे मंे उनके सारे रोजगार समाप्त हो चुके हैं। रिक्शा-ठेला चालकांे के रिक्शा-ठेला बहने से उनके सामने बेरोजगारी और भूख मूह बाये खरी है। ऐसे मंे धर्मेन्द्र जी के साथ मिल कर हमलोग अपने एड के बढ़े हुए कार्यकत्र्ताआंे के साथ बात-चीत कर जिन इलाके मंे हमारा राहत व बचाव कार्य ज्यादा चला, उन इलाके मंे कुछ पूर्व के पेशेवर या उनसे बात कर सक्षम लोगांे को चिन्हित कर उन्हंे रिक्शा व ठेला उपलब्ध कराकर उन्हंे स्वरोजगार मुहैया कराने का विचार किया। इसी रोशनी मंे पिछले जनवरी, फरवरी महिनंे मंे धर्मेन्द्र जी अपने वरिय साथियांे के साथ राय कर इस काम को आगे बढ़ाने की बात कही और हमलोग मधेपुरा सहरसा और खगड़िया के बाढ़ प्रभावित इलाके मंे लोगांे को चिन्हित कर मई महिनंे से अबतक 25 लोगो को रिक्शा और 5 को ठेला उपलब्ध करा चुके हैं। इन्हीं रिक्शा लेने वाले लोगांे मंे से मधेपुरा के आलम नगर के दो रिक्शा चालकांे से 12 जुलाई को विभिन्न प्रोग्राम के तहत मेरी मुलाकात हुई। उनमंे सोनवर्षा-आलमनगर निवासी पिगल मंडल जो दो बच्चांे के पिता हैं जिन्हंे हमारे एड की ओर से रिक्शा दिया गया ने बताया कि बाढ़ से पहले मैं किराये का रिक्शा खिचता था। और किसी तरह परिवार चला पाता था। लेकिन आज आप लोगांे के द्वारा दिये गये रिक्शा से स्वत्रंत होकर कमा रहा हूँ। किसी भी तरह 4000 से 4500 तक के बीच प्रति माह मजदूरी कमा लेता हूँ। दोनों बच्चों को पढ़ाने लिखाने से लेकर अच्छे से अपने परिवार का भी परवरिश कर रहा हूँ फिर भी 1000 से 1200 के बीच आय का एक हिस्सा बचा भी लेता हूँ। आज मेरी दुनिया ही बदली हुई लगती है। मैं सोचता हूँ कि एक साल बाद बचत के पैसे से कुछ खेती-बारी की जमीन किराया पर लेकर अपनी स्थिति को और ठीक करूँ, जिससे हमारे बच्चे और हमे भविष्य मंे आगे बढ़ने मंे ज्यादा मदद मिलेगा। दूसरे आदमी मिले नागेश्वर राम, सोनवर्षा गोइठ बस्ती, आलमनगर निवासी, अधेर उर्म का यह आदमी 7 बच्चांे के साथ यानी कुल 9 आदमी के कुल बड़े परिवार को पहले किराया पर रिक्शा लेकर उससे कमाकर किसी तरह चलाता था। जिससे वह काफी परेशानी और निराशा भरी जिंदगी जिने को विवश था। इन्हंे भी एड से रिक्शा मिला। आज अपने रिक्शा के साथ काफी स्वाभिमानी और खुश नजर आया। बताया किसी भी तरह 4000 हजार रूपये प्रतिमाह के लगभग कमा ही लेता हूँ। दो बच्चांे को पढ़ाने और लम्बे परिवार के भरन-पोषण के बाद भी 500 से 600 रूपये प्रतिमाह बचत कर पाता हूँ। परिवार को आगे और सुदृढ़ करने के लिए जब कुछ पैसे जमा हो जायंेगे तो बकरी पालन का काम शुरू करूँगा। काफी हिम्मत से बोला अब हम दो बच्चे को आसानी से पढ़ा सकेंगें।
3. आलम नगर प्रखंड मंे ही एक छोटा सा गांव है महमूदा जिसके एक किनारे मंे कुछ गरीब लोग रहते हैं। जो तीयर और मारकण्डे जाति से आते हैं। पिछले साल के विनाशकारी बाढ़ ने इनका झोपड़ी बहा ले गया। तब से आज तक यहां के 20 परिवारांे के पास झोपड़ी खरी करने की भी स्थिति नहीं हो पा रही थी। सरकार और प्रशासन भी इनके तरफ से उदासीन थी। चूँकि इनका कसूर था कि वह गरीब तो थें लेकिन दलित नहीं थे। बिहार सरकार के बी0पी0एल0 सूची मंे नाम लिखवाने मंे भी वे सक्षम नहीं थे। ऐसे मंे वह मजबूर थे खुले आसमान के नीचे जिंदगी बसर करने के। इस इलाके मंे हमलोग काम कर ही रहें थे। हमारे स्थानीय बुजुर्ग कार्यकर्ता कमलेश्वरी साह ने पिछले फरवरी महिने मंे धर्मेन्द्र जी और हमसे उनलोगांे से उन्हीं के गांव मंे मिलवाया। काफी कारूणिक दृश्य था, तत्काल हीं धर्मेन्द्र जी से मैनें कहा कुछ उपाय करना चाहिए। धर्मेन्द्र जी की सहमती थी उन्होंने तत्काल अपने वरिष्ट साथी से चर्चा कर यहां 20 विस्थापितों के घरों को बनवाने के लिए आवश्यक धन उन्हंे मुहैया करा दिया, जिसे हमारे एक स्थानीय कार्यकर्ता कमलेश्वरी साह, फुल टाईमर विकाश कुमार और सुनील कुमार लगातार कैम्प कर मेरे देख-रेख और धर्मेन्द्र जी के निर्देशन मंे बनवा दिया। 22 जुलाई को हमलोगांे को उस पुर्नवासित 20 परिवार की ओर से वहां पहुँचने का दावत आया। मैं धर्मेन्द्र जी और अजीत जी महमुदा गांव पहुँचे। वहां का माहौल काफी खुशनुमा था। उस बिसांे परिवार के प्रमुख महेन्द्र चैधरी एवं रामविलास चैधरी जो थोड़ा पढ़े-लिखंे हंै, धर्मेन्द्र जी से उन घरों का फिता कटवा कर उद्घाटन कराया और हमलोगांे को विश्वास दिलाया कि हम सभी अपने बच्चांे को स्कूल भेजंेगें। स्कूल से वापस घर आने पर महेन्द्र चैधरी ने कहा कि हम उन सभी बच्चांे को निःशुल्क शिक्षा दंेगें।
---Sanjay, AID INDIA, BIHAR
Wednesday, July 8, 2009
Report June and July 2009
June, 09
- 10 more rickshaws distributed.
- 20 houses are ready at mahmuda village and will hand over to beneficiaries at 9th july.
- 2 sprayer machine to farmers
July, 09
- 5 thela will be distributed Supported by ASB
- 3 Hand pipes to Mahmuda villages supported by ASB
- Dr. Sheetal team’s team is going on. On 5th july they reach Patna
- Wapsi is expected supported by Goonj.
Report May 2009
May, 09
Distribution of relief material with the support of ASB
Aid Bihar staff have taken serious effort to reach people in remote place amid of central election to distribute flood relief material with the support of
ASB (students from American School of Bombay)
- 25 cycle rickshaw have been distributed in Saharsa and Madhepura district for flood victims. This will help them to earn income for their family.
- 2000 school kit bag (containing - rubber, pencil, Tiffin box, pencil, notebooks) were distributed in Beldhaure block in Thilkora, Kalyanpatti and Alam Nagar village on 12th May.
- In Alam Nagar, house construction for flood victims are half way through and meeting with beneficiary was conducted on 28th and agreement was signed.
- 490 solar lights were distributed in Madhepura and Saharsa.
- 500 family kits (1 bed sheet, 1 mosquito) were distributed in Madhepura and Saharsa.
Report April 2009
April, 09
Project: Flood Relief and Rehabilitation
Goal: To provide Relief and Rehabilitation support to more than 4000 flood victims of Sharsa, Madhepura, Khagaria and Supaul districts.
Work done:
- Verification of the 2000 beneficiaries completed ( The selected beneficiaries will get tool kit under Wapsi Project, supported by GOONJ )
ß Tool kit kept for distribution.
* Meeting with community people in Madhepura à
Highlight of the month
ASB: American school of Bombay organized an event ‘Embrace India’ in ASB campus on 18th April and collected around 8 lacks. A team of 15 members from ASB are planning to come to Bihar from 8th may to 12thmay. The team will distribute school kit bag (1 school bag, 6 notebook, 2 pencils, 2 sharpeners, 2 erasers, 1 pen and 1 Tiffin box) for 2000 students, family kit (1 bed sheet and 1 mosquito net) for 500 people and solar lamps for 490 families.
Thanks to Mathew, Lisa and Russell and the ASB community
The link below is pictures from the ‘Embrace India’ event organized by ASB to raise fund for Bihar flood relief.
http://www.youtube.com/watch?
http://www.youtube.com/watch?
http://sites.google.com/a/
www.biharfloodrelief.org
http://www.indianexpress.com/
Snap shot of fund raising event – ‘Embrace India’
ß Children performing stage show in ASB.
* Paintings kept for sale in ASB à
ASB Team involved in Bihar Flood relief Action
Reporting from Jan to March 2009
January, 09
- 3600 bed sheets and 500 blankets were distributed in collaboration with M.M.Oswal Hosiery
- Aid Volunteers in Bihar have conducted meetings and survey in the flood affected villages with the people to identify skilled persons (barber, farmer and carpenter) to support them with tool kits in near future with help of Goonj (Ngo) for 2500 families under Wapsi project.
- Several meetings were conducted with villagers and engineers to finalize home construction for flood victims; finally Aid-India is going to support 60 houses.
- Aid-India, Bihar has also conducted meetings to provide cycle rickshaw for unskilled persons and nearly 40 people have been selected, rickshaws (each costing rs.5000) have been ordered and would be distributed in March.
February, 09
Winter kits distribution came to an end and Survey for ‘Wapsi’ is going on. So far Aid-India/ Goonj have distributed tool kits to 50 skilled persons like barber, carpenter, constructional worker (Raj Mistri, laborers) etc.
March, 09
- Last batch of winter kits was distributed on 23rd March to 250 families in Madhepura district.
- In ‘Wapsi’ project, the distribution of tool kit for the professionals is stopped temporarily due to forthcoming election while the verification of the selected candidate is on process.
In wapsi project (supported by Goonj) 516 families are benefitted till now. Kits were distributed on 15 feb and 23 march, 09.
Friday, July 3, 2009
Ground Video Report-Er. Vivek Umrao Glendenning
Ground Video Report has been published at-
http://www.localgovernance.org/vivekumrao/Koshi-Flood-Report.html
I tried to keep videos as live report thus I did not add voice, sound or comment in time of editing videos.
I only tried to add subtitles to make easy for Non-Hindi persons.
I am pretty sure that these type of ground videos are rare of that time.
These videos exposes many realities and definitely are helpful for Human Right Activists, Right to Information Activists and understanding continuous sufferings of Bihar People.
If one would like to see these videos with sincerity and time will understand ground situations.
We could imagine easily for on going rehabilitation works.
My report if mainly concentrated on Government Relief works and Sufferings of Flood Victims but i would like to say that i do not want to make comments on works of NGOs because i do not want that very few sincere voluntary organizations should not be criticized in generalization of word NGO.
I would like to say that about 99% NGOs were concentrated in same areas, caused less efficiency to reduce sufferings of flood victims.
I am working on a detailed written report, i hope it will be published in coming weeks.
I would like to salute common villagers and non-paid local volunteers who saved thousands of lives, looked after millions of people and still supporting to rehabilitate flood victims.
I request you that please look videos related to Koshi River (Koshi Barrage and Kusaha Areas), it will help to understand many lies of Government of Bihar.
I would like to say with my own working experiences that Bihar Media is one of the most unaccountable and insincere media of the India.
I am sending this report to some international organizations by post to aware them for ground realities.
Actions, processes and other things, i leave on values of individuals and organizations.
To produce this report, from cameraman ship to posting of DVDs, all works are done by me.
There are two DVDs in this video report, the set of DVDs will be sent by post on demand.
Thanks,
Regards,
love,
vivek
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Er. Vivek Umrao Glendenning MCIJ
Member- The Chartered Institute of Journalists, London
Member- International PEN Sydney Centre
Joint Convener- Non Violent Initiative
www.localgovernance.org/vivekumrao
+61- 416697156 (Australia)
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