2008 बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की ताजा स्थिति
पिछले शाल 18 अगस्त 08 को बिहार के कोसी प्रमंडल सहित कुछ जिले में महाविनाशकारी बाढ़ जो कोसी तटबंध के टूटने से आयी थी। उसमें मरने वाले या लापता लोगों का सही-सही आकलन सरकारी या गैरसरकारी स्तर पर आज तक भी संभव नहीं हो सका है। ऐसी ही स्थिति में फिर से सूखा पड़ जाने से यहाँ अकाल स्थिति पैदा हो गई है। फिर भी जो तस्वीर उभीर कर आया है उसके अनुसार तस्वीर निम्न है:- मृतकों या लापता लोगों की संख्या 10000 दस हजार के करीब। प्रभावित लोगों की संख्या 1000000 दास लाख से ज्यादा। करीब 30000 तीस हजार जानवरों के मरने या बह जाने का। करीब 150000 एक लाख पचास हजार लोगोंके घर बहकर विस्थापित हुए। सिर्फ खेतीबारी वाला ईलाका होने के कारण ज्यादातर खेतों में बालू भरने या नदी की धारा बनने के चलते जो किसान और मजदूर बेकार हुए उनकी संख्या 300000 तीन लाख के करीब। दक्ष मजदूर जिनके सामान बह गए उनकी संख्या करीब 50000 पचास हजार। इस तरह से कुल मिलाकर साल भर बाद भी इस प्रभावित ईलाके की तस्वीर में ज्यादा अंतर नहीं आया है। इसका अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहाँ से पलायन करने वाले लोगों से हर दिन सहरसा स्टेशन से जनसेवा सहीत दूसरी गाड़ी जो दिल्ल्ी या दूसरे राज्यों के लिए जाती है। उसमें ईन्सान, भेड़-बकड़ियों की तरह ठँूस कर जाने को विवश है। अतः हमारा आग्रह है कि इस ईलाके के प्रभावित लोगों को स्वरोजगार हेतु संसाधन उपलब्ध कराने एवं पूनर्वासित कराने हेतु हम सभी लोगों को इनके ममद के लिए कुछ दिन और आगे बढ़ते रहना चाहिए। (संजय कुमार) मो0- 9470016316 ता0- 31.8.2009 ।प्क् ठपींत