Saturday, July 18, 2009

मेडिकल टीम रिपोर्ट from Bihar Flood ZOne

मेडिकल टीम रिपोर्ट


05.07.2009 को अमेरिकन मेडिकल टीम एड इण्डिया सहरसा कार्यालय पहूँची एवं 06.07.2009 से लेकर 08.07.2009 तक मधेपुरा जिला के आलमनगर प्रखण्ड के केशोपुर प्रा0 वि0 में कैम्प किया। जिसमें 06.07.2009 को 100 मरीज देखा गया। जिसमें पहला मरीज सिंहार पंचायत के बबलू कुमार थे। जिनका बहूत ही बुरा हाल था। उनके पेट में दिक्कत थी। जिससे हमारे डाॅक्टर ने चेक किये और उनके पेट में पथरी होने का अनुमान बताया तथा आवश्यक निर्देश दिये। इसके बाद केशोपुर ग्राम के धनीक शर्मा का इलाज किया गया जो गठीया रोग से काफी दिनों से जकड़े थे जिन्हें अमेरिकन टीम केडाॅज हुरा मुशर्फ ने इलाज किये तथा उन्हें आवश्यक दवाईयाँ दिये। पुनः 07.07.2009 को 300 मरीज देखे गये। 08.07.2009 को 425 मरीज देखे गये। 09.07.2008 को डाॅ0 टीम कुशहा तटबंध को देखने गई जिसे देखने के बाद यह चिंता जताई की अगर पानी बढ़ता है तो यह बाँध पुनः टूट सकता है। इसके बाद 10.07.2009 को मधेपुरा प्रखण्ड के बुधमा गाँव में 450 मरीज देखा गया। इसके बाद 11.07.2009 को घैलाढ़ प्रखण्ड के भान टेकढ़ी गाँव में उच्च विद्यालय में कैम्प लगाकर 600 मरीज देखा गया। डाॅ0 टीम को कहना है कि अभी तक हमने जितने मरीजों को देखा है उनके बिमारी का मुख्य कारण पानी है। इसलिए उन्होने हर कैंम्प पर लोगों को एक्वाफरेश से पानी शुद्ध कर पीने का खाना बनाने का सलाह दिये।
रिक्शा एवं मकान वितरण का रिपोर्ट

10.02.2009 को सहरसा एड इण्डिया कार्यालय में धर्मेन्द्र सर, संजय सर एवं व्ििपबम कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक किया गया। इस बैठक में दो एजेण्डा रखा गया।
1. रिक्शा वितरण।
2. मकान निर्माण।

इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि रिक्शा वैसे लोगों को देना है जिनका बाढ़ में सब कुछ बह गया है और वे मजदूरी करके किसी तरह अपने बच्चे को या परिवार को भरण-पोषण कर रहे हो जिनका आर्थिक स्थिति एकदम बिगड़ा हो। मकान उनलोगों देना है जिनका रहने का नाम मात्र का साधन हो। पुनः 11.02.2009 को धर्मेन्द्र सर एवं संजय सर मधेपुरा एवं आलमनगर जाकर वहाँ के एड इण्डिया के लोकल कार्य-कर्ताओं के साथ बैठक कर रिक्शा चालकों के साथ पवन कुमार के अध्यक्षता में संजय सर, सुनिल कुमार, विकास कुमार एवं कमलेश्वरी साह के साथ एक बैठक करके यह निर्णय लिया गया कि सभी रिक्शा चालक 11.05.2009 को खगड़िया पहूँचकर रिक्शा को खुद चलाकर ले जायेंगे। उसके बाद सारे रिक्शा चालक खगड़िया 11.05.2009 को पहूँचे जिन्हें अमेरिकन स्कूल आॅफ बाॅम्बे के मैट, लिशा एवं एड इण्डिया के धर्मेन्द्र सर, संजय सर, विकास एवं सुनिल के द्वारा सभी रिक्शा चालकों को रिक्शा दिया गया एवं पुनः 12.05.2009 को रिक्शा चालकों के साथ सुनिल कुमार एवं मधेपुरा जिला के मुरलीगंज प्रखण्ड के अन्तर्गत तिलकोड़ा ग्राम के जाकिर हुसैन दोनों मिलकर सारे रिक्शा का कोडिनेट करते हुए उन्हें 13.05.2009 को अपने-अपने जगहों पर पहूँचा दिया। रिक्शा वितरण से पहले सारे रिक्शा चालकों में कुछ लोग भाड़े का रिक्शा चलाते थे या मजदूरी करते थे। लेकिन जब से उन्हें एड इण्डिया का रिक्शा दिया गया। तब से वे सारे बहुत खुश है। उनसे पूछने पर वे लोग बताते है कि अब अपना रिक्शा होने से मेरा आय बढ़ा है जिससे कि मेरे बच्चे का पढ़ाई एवं मेरे परिवार का भरण-पोषण का तरीका पहले से काफी सुधरा है। उनसे आय के बारे में बात करने पर बताते है कि 3000 से 4000 रू0 प्रतिमाह आय हो जाती है। जिसमें से सारे खर्च करके 1000 से 1200 रू0 बचत हो जाता है। रिक्शा निम्न आदमियों को दिया गया है। प्रखंड आलमनगर में रिक्शा मिलने वाला का नाम एवं पता

1. माहिल मंडल, पिता खुहारी मंडल, ग्राम डिमहा वासा आलमनगर, मधेपुरा

2. पिंगल मंडल, पिता - चन्दर मंडल ग्राम - सोनवर्षा (मंडल टोला) आलमनगर, मधेपुरा

3. लालो मंडल, पिता - प्रसादी मंडल ग्राम - सोनवर्षा आलमनगर, मधेपुरा

4. विष्णुदेव मंडल, पिता - प्रसादी मंडल ग्राम - सोनवर्षा आलमनगर, मधेपुरा

5. काशी मंडल, पिता सिंघो मंडल ग्राम - सोनवर्षा आलमनगर, मधेपुरा

6. नागेश्वर राम, पिता - मंगल राम ग्राम - सोनवर्षा आलमनगर, मधेपुरा

प्रखंड मुरलीगंज में रिक्शा मिलने वाला का नाम एवं पता

1. पिंकू ऋषिदेव, पिता भुटो ऋषिदेव ग्राम - तिलकोरा, पोस्ट - सखुआ दिनापट्टी, मुरलीगंज, मधेपुरा।

2. दिलीप ऋषिदेव पिता श्री मोहन ऋषिदेव ग्राम - तिलकोरा, पोस्ट - सखुआ दिनापट्टी, मुरलीगंज, मधेपुरा।

3. विरंची ऋषिदेव, पिता स्व0 मुखदेव ऋषिदेव ग्राम - तिलकोरा, पोस्ट - सखुआ दिनापट्टी, मुरलीगंज, मधेपुरा।

प्रखंड मधेपुरा में रिक्शा मिलने वाला का नाम एवं पता

1. कैलाश राम पिता सुखदेव राम ग्राम $ पो0 - बुधमा, थाना $ जिला - मधेपुरा

2. दीपक ऋषिदेव, पिता महेश्वरी ऋषिदेव ग्राम $ पो0 - बुधमा लखराज, थाना $ जिला - मधेपुरा

3. मिथिलेश ऋषिदेव, पिता तारणी ऋषिदेव ग्राम $ पो0 - बुधमा लखराज, थाना $ जिला - मधेपुरा

4. अर्जून ऋषिदेव पिता बिन्दो ऋषिदेव ग्राम $ पो0 - बुधमा लखराज, थाना $ जिला - मधेपुरा

5. उमेश ऋषिदेव पिता सतनारायण ऋषिदेव ग्राम $ पो0 - बुधमा, थाना $ जिला - मधेपुरा 6. प्रदीप कुमार पिता कविलाल यादव ग्राम $ पो0 - बुधमा, थाना $ जिला - मधेपुरा

07.06.2009 को रिक्शा वितरण प्रखंड बेलदौर जिला खगड़िया में रिक्शा लेने वाले का नाम एवं पता

1. विनोद साह पिता विशेश्वर साह ग्राम $ पो0 - बेलदौर जिला - खगड़िया

2. दिनेश ठाकुर पिता भोला ठाकुर ग्राम $ पो0 - बेलदौर जिला - खगड़िया

3. राजेश कुमार पिता धनिक साह ग्राम - तैलियार (पूर्वी टोला) पोस्ट - रामनगर जिला खगड़िया

प्रखण्ड खगड़िया रिक्शा लेने वाले का नाम एवं पता

1. राजीव शर्मा पिता किशुनदेव शर्मा ग्राम $पो0 - माड़र, जिला - खगड़िया

2. हरिवोल कुमार पिता स्व0 रामस्वगारथ वर्मा ग्राम - चंद्रनगर पो0 - कोशी काॅलेज जिला खगड़िया

3. विद्यानन्द वर्मा पिता ग्राम - चंद्रनगर पो0 - कोशी काॅलेज जिला खगड़िया

प्रखण्ड पतरघट जिला सहरसा रिक्शा लेने वाले का नाम एवं पता

1. भट्टल ठाकुर पिता गणेशी ठाकुर ग्राम $ पो0 - बिशनपुर, जिला-सहरसा

2. दुलारचन्द पासवान पिता जगदेव पासवान ग्राम $ पो0 - गोलमा जिला सहरसा

3. इन्दल पासवान पिता सिताराम पासवान ग्राम $ पो0 - गोलमा जिला सहरसा

प्रखण्ड सौरबाजार जिला सहरसा रिक्शा लेने वाले का नाम एवं पता

1. सिकन्दर सादा पिता भोगी सादा ग्राम - सिलेठ, पोस्ट - सौरबाजार जिला सहरसा


मकान वितरण


11.02.2009 को धर्मेन्द्र सर एवं संजय सर आलमनगर के एड इण्डिया कार्य-कर्ता कमलेश्वरी साह के साथ आलमनगर प्रखण्ड के महमूदा गाँव के दौरा किये जिस गाँव में कुछ लोग खुले आसमान के नीचे रह रहे थे। उसी समय इनलोगों ने महमूदा गाँव में 20 परिवार को चिन्हीत करके घर देने का योजना बनाये। जिस योजना पर 01.06.2009 से काम शुरू हुआ। 01.06.2009 को रात्रि एड इण्डिया कार्यकर्ता विकास एवं सुनिल के साथ सारे घर वाले लोगों के साथ महमुदा में एक बैठक किया गया। बैठक में यह बातचीत हुई घर जो भी बनेगा वह एक ही कतार में बनेगा। लेकिन चार लोगों को उस कतार में जमीन न होने के कारण वे लोग हट गये। उसके बाद महमूदा के कुछ समाज के लोग आकर उन चार लोगों के जगह पर नये चार लोगों को चयनित हमलोगों के उपस्थिति में किया। 03.06.2009 से घर बनाने का काम शुरू हुआ और यह घर विकास कुमार एवं सुनिल कुमार के देख रेख में 02.07.2009 को बनकर तैयार हो गया और 12.07.2009 को धर्मेन्द्र सर, संजय सर एवं अजित जी जाकर लोगों को अपना अपना घर वितरीत कर दिये। वे सारे घरवाले अब अपने परिवार के साथ अमन चैन के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं। मकान बनने वाले आदमियों का नाम

1. विलाश चैधरी, पिता स्व0 गणेशी चैधरी ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा

2. नाम ब्रजेश चैधरी पिता विलाश चैधरी ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा

3. मिथिलेश चैधरी पिता विलाश चैधरी ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा

4. शालो चैधरी पिता स्व0 मेदनी चैधरी ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा

5. मुकेश चैधरी पिता स्व0 रामलगन चैधरी ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा

6. लालकुन चैधरी पिता स्व0 कुंजो चैधरी ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा

7. वेदानन्द चैधरी पिता गंगा चैधरी ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा

8. मंटुन चैधरी, पिता महेन्द्र चैधरी ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा

9. प्रमोद चैधरी पिता महेन्द्र चैधरी ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा


10. महेन्द्र चैधरी पिता स्व0 मेदनी चैधरी ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा

11. दिना मुनि पिता स्व0 किशुन मुनि ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा


12. फुलचन मुनि पिता स्व0 गर्भू मुनि ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा


13. नारायण मुनि पिता स्व0 दोरीक मुनि ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा

14. हाठी चैधरी पिता स्व0 कुॅजी चैधरी ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा


15. हिटलर चैधरी पिता शलेन्द्र चैधरी ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा

16. शिको मुनि पिता दिना मुनि ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा

17. मंजु देवी पिता रामप्रवेश चैधरी ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा


18. रामवल्लभ मुनि पिता नारायण मुनि ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा

19. तेतर मुनि पिता स्व0 जग्गू मुनि ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा

20. जितन मुनि पिता स्व0 जग्गू मुनि ग्राम $ पो0 - महमुदा पंचायत खुरहान, थाना आलमनगर, मधेपुरा


बालम गढ़िया मधेपुरा में अमेरिकन स्कूल आॅफ बम्बे के सहियोग से एड इण्डिया द्वारा स्कूल किट का वितरण:-

11 मई 2009 को मधेपुरा जिले के सदर प्रखंड (मधेपुरा) अंतर्गत मध्य विद्यालय बालम गढ़िया में एड इण्डिया के तरफ से 400 स्कूली किट बैग का वितरण किया गया। बैग वितरण के पूर्व और बाद में यदि तुलना करने पर बहुत बड़ा अन्तर देखने को मिलता है फिर मैने प्रधानाध्यापक श्री रामेश्वर प्रसाद दास जी बात करने पर वो बताए पूर्व में जहाँ नामांकित बच्चों की संख्या लगभग 550 थी तो आते थे 400 के बीच जबकि अभी नामांकित बच्चे है। 650 तो आते हैं। 750 के बीच आते है। पूर्व में जहाँ बच्चों में स्कूल आने के प्रति उत्साह नजर नहीं आता था वही अब जबरदस्त उत्साहित है। चूँकि ये इलाका बाढ़ में तो और भी गरीब हो गया। इसिलिए बच्चों के अभिभावक बच्चो को साफ सुथरा रहते के प्रति सोचेते नहीं किया करते थे और बच्चे गंदे कपड़े ही पहन कर स्कूल आ जाया करते है। वहीं अब वो साफ सुथरा कपड़ा पहना करते है। क्योंकि शिक्षक उन्हें बताते है कि तुम जो ये चमचमाती हुई लाल बैंग पीठ पर लादे हुए हो ये चैड़ी भी धुल जमने पर पट जाएगें। इसलिए इसे साफ रखा और अपने ड्रेस को साफ सुथरा रखे। वैग वितरण के दिन एक संस्कृति कार्यक्रम भी हुआ था जिसमें स्कूली छात्र छात्राओं ने संगीत के माध्यम से बच्चों स्कूल आने के लिए प्रेरित किया तथा बाढ़ से तबाह हुए तमाम स्थितियों को अपने नाट्य कला के माध्यम से लोगों को बाढ़ के समय एड इण्डिया के किये हुए कार्यो लोगों के सामने रखा। इससे गाँव घर की घास काटने वाली लड़कियों से लेकर घरेलू काम-काज में लीन रहने वाली लड़कियों भी स्कूल के तरफ मुड़ चुकी है। जिसमें अक्सर 10 से 15 वर्ष की लड़के एवं लड़कियाँ को आराम से पहला और दूसरा क्लास में पढ़ते हुए देखा जाता है। इसी का परिणाम है। 11 जुलाई 2009 को उच्च विद्यालय भान टेकथी में एड इण्डिया का मेडिकल केम्प और 12 जुलाई 2009 को संस्कृतिक कार्यक्रम किया गया। 12 जुलाई 2009 को दिन के 10 बजे से कार्यक्रम की शुरूआत की गई जो लगभग 5 बजे तक चलता रहा। इसमें दर्शकों की बहुत बड़ी भीड़ थी। इस एड इण्डिया के कार्यक्रम को देखने के लिए विभिन्न छळव् के लोग आये कुछ स्थानीय आर बाहरी समाज सेवी लोग भी उपस्थित थे। इस कायक्रम से न्छप्ब्म्थ् मधेपुरा इतने खुश हुए कि 130 काॅपी किट एड इण्डिया को संस्कृतिक कार्यक्रम भाग लेने वाले बच्चों के बीच वितर करने के लिए दिया। इस अवसर पर छळव् गुॅज के मुकेश जी और विकाश चन्द्रा भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में नन्ही से बच्ची सीमा एवं गुडी जो दुसरी कक्षा की छात्रा है। जिसकी कला को देखकर हमारे अमेरिकन डाॅ0 टीम काफी प्रभावित हुए और बोले की इस बच्ची को एड इण्डिया अगर सहायता प्रदान करे तो यह बड़ी होकर एक अच्छे कलाकार के रूप में उभरेगी। इस कार्यक्रम के अंत में अमेरिकन डाॅ0 टिमों के हाथों बच्चों के बीच मेमेन्टो एवं मेडल वितरण किया गया समय अधिक होने के कारण पुरा पुरस्कार वितरित नहीं हो सका। पुनः 14.07.2009 को चेन्नई से आये ओलीवर जी के हाथों से शेष पुरस्कार वितरित किया गया तथा बच्चों के बीच ओलीवर साहब ने शिक्षा से संबंधित बहुत सारे बच्चों को आसान से आसान तरिका बताए।

----विकाश,एड इण्डिया

Wednesday, July 15, 2009

बिहार में बाढ़ पीड़ितों के बीच लगातार मेडिकल कैम्प जारी

बिहार में बाढ़ के प्रलय का लगभग साल बीतने चला फिर भी पीड़ितों के दुख कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अभी दो हफ्ता पहले से बिहार में भीषण धूप और गर्मी के चलते लू चल रही है। उसके बीच में ही मानसुन आया तापमान में आए भाड़ी परिर्वतन के चलते इस क्षेत्र में बिमारी की बाढ़ सी देखी जा रही है। वैसे भी जो लोग इस क्षेत्र में कुछ स्थायी कुछ खतरनाक जानलेवा रोगों से पूर्व में या हाल में ग्रसीत हुए हैं वह भी अपना इलाज आय के सारे श्रोत बंद होने के कारण नहीं करा पा रहे हैं। इन्हीं बातों का अंदाजा एड बिहार को पहले से था। चुकिं बाढ़ के शुरूआती दिनों से ही एड बिहार इस क्षेत्र में अपना सेवा लगातार दे रहा है। इसी के मद्देनजर धर्मेन्द्र जी के साथ मैं और हमारे कुछ सार्थियों ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में भविष्य के इस खतरे से निपटने के लिए बैठक कर योजना बनाई। धर्मेन्द्र जी ने दो दिन बाद ही हमलोगों के यु॰ एस॰ए॰ के॰ चिकित्सकों के टीम को जुलाई के प्रथम सप्ताह में इस क्षेत्र में आने की बात बताई। फिर हमलोगों ने देर किए बिना चिकित्सकों के इस दल के प्रोग्राम के मुताबिक 6 जुलाई से 13 जुलाई तक का कार्यक्रम आवश्यकता अनुसार अपने क्षेत्र में तय कर अपने स्वयं सेवकों के माध्यम से आमलोगों को सूचना कर दी। अब यु0एस0ए0 के चिकित्सकों के सात सदसीय दल पांच जुलाई के देर शाम तक कोशी क्षेत्र के एड कार्यालय सहरसा पहुंच चुकी थी। 6 जुलाई से तय कार्यक्रम के अनुसार हमलोग मेडिकल कैम्प मधेपुरा जिला के आलमनगर के केशोपुर गांव में शुरू कर दिया पहले दिन खराब मौसम और चिकित्सकों के भारी थकान के बावजूद थोड़ा देर से सही लेकिन कैम्प पर 2 बजे से अपना कार्यशुरू कर दिया। जबकि वहां सूचना के अनुसार 9 बजे दिन से ही सैकड़ों मरीज अपने सहयोगियों के साथ इंतजार कर रहे थे। खैर इलाज का काम शुरू हुआ और पहला ही जिस मरीज से चिकित्सकों का सामना हुआ वह सिंगहार के बबलू कुमार जो 18 वर्ष का बेहद गरीब, मजबूर मरनासन हालत में खटिया पे टंग कर आया था। पिछले साल भर से बीमार चल रहा था। लेकिन इलाज के बगैर एक माह से उसका पुरा शरीर जीर्ण- शीर्ण हो गया। पेट काफी फुल चुका था चकित्सकों ने चेकअप के बाद पेट में गोला होने और उस गोला के द्वारा लीवर को डैमेज कर देने की बात बताई। अब उसके सामने मौत ही एक रास्ता बचा है। मौसम के चलते इस इलाके में आमलोग सर्दी, खांसी, बुखार, बदन दर्द, मलेरिया, दस्त, डिहाईड्रेशन, खाज-खुजली से परेशानी का इलाज कराए। वहीं कुछ लोग मोतियाबिन्द और गठिया बीमारी लेकर आए जिसे चिकित्सकों ने उचित सलाह दी। धनिक शर्मा 25 वर्ष का नौजवान गठिया के चलते झुक सा गया। लेकिन लाचारी के चलते इलाज नहीं करा सका। आज कुल सौ मरीज देखे गए जिसमें 40 का रिजस्ट्रेशन कराना संभव हुआ। समय ज्यादा लगने के चलते लोग जल्दी-जल्दी दिखाकर दूर गांव वापस जाना चाह रहे थे। चिकित्सकों का दल का नेतृत्व प्रो0 डाॅ0 जुहारा मुसर्रफ कर रही हैं जबकि उनके साथ डाक्टर शीतल पटेल, काॅर्डिनेशन का काम कर रही हैं। दल में शामिल डाक्टर माॅर्गेन फाॅगर्ड, डा0 चलेसिया चुंग, डा0 राधिका सूद, डा0 जेसिका विश एवं डा0 कनेस्तीनी यूव हैं। जो मरीजों का और उनके सहयोगियों के साथ बेहतर इलाज एवं सहयोग कर रही हैं। 7 जुलाई को दूसरे दिन कोशोपुर में ही 300 मरीज देखे गए जिसमें भीड़ और दवाब के चलते 157 मरीजों का ही रजिस्ट्रेशन संभव हुआ। चिकित्सक भी एक मरीज पर कम से कम 20 से 25 मीनट समय देते हैं जिसके चलते आए हुए सभी मरीजों को देखना संभव नहीं हो पाता है। कल की ही भाॅति रोगों के ट्रेंड आज भी मिले। जिनका इलाज चिकित्सकों ने करते हुए दवा दी और गंभीर रोगों के मरीजों को उचित सलाह दी। 8 जुलाई को यानि तीसरा दिन भी कोशोपुर के कैम्प में लगभग 425 मरीज देखे गए आज चुकिं यहां अतिम दिन था इसीलिए मरीजों का भीड़ हजारों में थी। लेकिन रजिस्टेªशन करना 297 संभव हुआ। अन्य दिन की तरह ही आज भी मौसमी रोग यथावत था जिसका इलाज चिकित्सकों ने किया। आज फिर दो ऐसे रोगी आए जो इस कैम्प से इलाज कराए बगैर लौट गए। राधा देवी सोनवर्षा जो टीवी और दम्मा से पीड़ित होकर मौत के कगार पर पहुंच चुकी थी। इलाज कराने से असमर्थ रहने के कारण उसे हम कैम्प से आशा बंधी थी। दूसरी कोशोपुर की गुड़िया कुमारी 12 वर्षीय जिसका आंख खराब है गरीबी के कारण उसके मां बाप इलाज नहीं करा सके। आज यह बच्ची अंधी होने के हालत में हैं। सभी चिकित्सकों ने काफी मेहनत कर मरीजों की इलाज की और दवा दी। सबों से प्यार से बातें की। परेशानी को नजर अंदाज किया। भूख प्यास की चिंता नहीं की। जब मैने कुछ टिप्पणी मांगा तो बोली सभी मरीज उन्हें काफी सहयोग और सभी मरीज एवं उनके सहयोगी अच्छे भले इंसान हैं। यहां बिमारी का मुख्य कारण गंदा पानी का पिना है। अगर एड इंडिया यहां के पानी कोे बालू और कंक्रिट से फिलटर्ड करने का योजना करंे तो बिमारी काफी कुछ कम हो जायेगा। 9 जुलाई हमारे चिकित्सकांे का दल आज के दिन प्रलय का गवाह बने कुशहा बांध देखने गयी। काफी खराब सड़कांे से लंबी दूरी तय कर पहुँचना उनलोगो के लिए काफी मुश्किल था। लेकिन हर मुश्किलांे का मुकाबला करते हुए ये लोग आखीर वहां पहुँच ही गयी। भीम नगर बैरेज के जड़जड़ हालत को देख कर बरबस बोल पड़ी की बाढ़ को बिहार मंे आने का निमंत्रण लगता है जैसे फिर मिल चुका है। कुशहा से थोड़ा अलग बांध की दयनीय हालत से भी काफी चिन्तित होकर चिकित्सकांे के दल ने कहा कि सरकार एवं जनता को इसके स्थायी समाधान के लिए सचेतन प्रयास करने होगें। जिसमंे स्वयं सेवी संस्थाआंे का अहम राॅल हो सकता है। आज शाम तक सहरसा लौटते-लौटते पिछले तीन दिन का उमस भड़ी गर्मी और बीच-बीच मंे बारीश के चलते चिकित्सकांे का बीमार होना शुरू हो गया। दो चिकित्सक बीमार हो चुके थे, फिर भी अगले सुबह हम लोगांे के मना करने के बाद भी कैंप को जारी रखने के लिए चल पड़ी। उनका हिम्मत, सेवा भावना और समपर्ण हमारे और आम लोगांे के लिए प्रेरणादायक है। 10 जुलाई को मधेपुरा प्रखंड के बुधमा मंे मेडिकल कैंप लगा, जहां बायरल बुखार से पिड़ित दो चिकित्सकांे ने भी हिस्सा लिया। 450 रोगी जो इलाके के मौसमी रोगांे के सामान्य रोगी थे का ईलाज इन लोगांे ने किया, लेकिन आज भी रजिस्ट्रेशन 300 ही हो पाया। 11 जुलाई को मधेपुरा प्रखंड के भान टेक्थी मंे मेडिकल कैंप चला, जहां 600 मरीज देखे जा सकंे। भीड़ काफी होने के कारण रजिस्ट्रेशन मात्र 300 का हो पाया। आज उमस और गर्मी काफी बढ़ चुकी थी। भीड़ से घिरे होने के चलते आज और दो चिकित्सक वायरल बुखार के चपेट मंे आ चुके थें और शाम तक सहरसा कार्यालय वापस आते-आते सात मंे से छः चिकित्सक बीमार घोषित हो चुके थे। तब अन्ततः हमने धर्मेन्द्र जी से राय कर आवश्यक प्ररामर्श के बाद अगले 13 जुलाई तक के लिए सभी कैम्पांे को रद्द करने का निर्णय लिया। 12 जुलाई को एक दिन का आराम और कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम मंे शामिल कराते हुए उन्हें 13 जुलाई को स्वदेश वापस के लिए रवाना कर दिया। लेकिन चिकित्सकांे के इस दल ने अपने मुल्क से विपरीत यहां के मौसम से जुझते हुए जिस तरह गरीब व लाचार लोगांे के रोग के ईलाज करनंे अपनी गहरी दिलचस्पी दिखाई। वह वाकई अविस्मरणीय रहेगा। एड बिहार के बाल कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम 12 जुलाई को मधेपुरा प्रखंड के भान टेकथी उच्च विद्यालय पर आज किसी बड़े उत्सव का माहोल था। सुबह से हजारो लोगांे की भीड़ हर तरफ से इसी विद्यालय की ओर पहुँच रही थी। उनके आकर्षण का केन्द्र था वहां स्कूली बच्चांे द्वारा अपने कला का प्रदर्शन। सचमुच इस कला के जड़िये बच्चे अपने छोटे-छोटे नाटक मंे प्रस्तुत कर रहे थे कि बाढ़ का प्रलय और उसमंे सरकार और प्रशासन की भूमिका जिसमंे दिखाया गया कि किस तरह उस त्राहिमाम हालात मंे प्रशासन जन सेवा के बदले लूट सेवा को तब्बजो दे रहे थे। वहीं स्वयं सेवी संस्थाआंे द्वारा किये गये निःस्वार्थ और अविस्मरणीय राहत व बचाव कार्य को रेखांकित कर रहे थे। बच्चांे का यह समूह भान टेकथी और बगलगीर गांव बालम गढ़िया मंे लगातार अपने शिक्षकांे, अभिभावकांे और वहां काम कर रहे पिछले कुछ महिनांे से एड कार्यकर्ताओं के देख-रेख मंे हर संभव शैक्षणिक माहोल को बढ़ाते हुए बच्चांे के बहुआयामी विकास के लिए विभिन्न तरह के क्यीज, नृतय एवं गीत प्रतियोगिता कराते रहते हैं। जिसमंे एड इंडिया का भूमिका काफी महत्वपूर्ण रहता है। बच्चांे के प्रोत्साहन के लिए हमारे एड की ओर से उन्हंे कभी स्कूल बैग, कभी काॅपी कलम कुछ ना कुछ पढ़ने-लिखने का सामान दिया जाता रहा है। आज के लघु नाटक डाॅन्स एवं गांन प्रतियोगिता मंे हमने अपने संस्था के माध्यम से उन बच्चांे कें कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए मोमेन्टो एवं मैडल का वितरण किया। यह वितरण डाॅ0 जुहारा मुसर्रफ, डाॅ0 मौरगेन फागर्ड एवं डाॅ0 सीतल पटेल के हाथांे हुआ। सही मंे इन दोनांे गांवो के बच्चांे मंे पढ़ने-लिखने से लेकर विभिन्न प्रतिभाओं को खुद मंे विकशित करने की होड़ लगी हुई है। अब तो लोग चर्चा कर रहें हैं कि यहां के ये स्कूली बच्चे एड इंडिया, बिहार के बच्चे के रूप मंे जाने जाते हैं। तभी तो अब यहां के स्कूली बच्चों पर यूनिसेफ और गुन्ज जैसे बड़ी एन0जी0ओ0 का भी ध्यान आया है।

2. एड इंडिया के स्वरोजगार अभियान के तहत रिक्सा-ढ़ेला वितरण एवं पुर्नवास योजना के तहत 20 घरों का वितरण। यह कहानी है बिहार के कोशी पिड़ित उन गरीबांे और मजबूरों की जिनके जिंदगी को आगे बढ़ाने के सारे श्रोत उनके पिछले साल कोशी ने छिन ली। हम यहां चर्चा कर रहे हैं उन बेवशांे की जो पिछले एक साल से खुले आसमान के नीचे तेज धुप और वर्षा मंे जिल्लत की जिंदगी जिने को विवश हैं। हम सब जानते हैं कि पिछले साल जब बिहार मंे कोशी के प्रलयंकारी बाढ़ ने तबाही मचायी तो तत्काल जो जान-माल की क्षति हुई सो तो हुई ही लेकिन असली तबाही की शुरूआत भी इस बाढ़ पिड़ित इलाके मंे यहीं से शुरू हो गया था जो रूकने का नाम ही नहीं ले रहा। लोगांे के सामने रोजगार के सारे अवसर समाप्त हो गया। ज्यादातर खेत रेतिली हो गयी। कुछ बची भी है तो गरीबांे को खेत मंे काम करने के उपकरण नहीं हैं सभी बह गयें और खरीदने की हालत भी उनकी नहीं हैं। विभिन्न प्रकार के मजदूरी के दक्ष्य लोगांे के सामान बह चुके। ऐसे मंे उनके सारे रोजगार समाप्त हो चुके हैं। रिक्शा-ठेला चालकांे के रिक्शा-ठेला बहने से उनके सामने बेरोजगारी और भूख मूह बाये खरी है। ऐसे मंे धर्मेन्द्र जी के साथ मिल कर हमलोग अपने एड के बढ़े हुए कार्यकत्र्ताआंे के साथ बात-चीत कर जिन इलाके मंे हमारा राहत व बचाव कार्य ज्यादा चला, उन इलाके मंे कुछ पूर्व के पेशेवर या उनसे बात कर सक्षम लोगांे को चिन्हित कर उन्हंे रिक्शा व ठेला उपलब्ध कराकर उन्हंे स्वरोजगार मुहैया कराने का विचार किया। इसी रोशनी मंे पिछले जनवरी, फरवरी महिनंे मंे धर्मेन्द्र जी अपने वरिय साथियांे के साथ राय कर इस काम को आगे बढ़ाने की बात कही और हमलोग मधेपुरा सहरसा और खगड़िया के बाढ़ प्रभावित इलाके मंे लोगांे को चिन्हित कर मई महिनंे से अबतक 25 लोगो को रिक्शा और 5 को ठेला उपलब्ध करा चुके हैं। इन्हीं रिक्शा लेने वाले लोगांे मंे से मधेपुरा के आलम नगर के दो रिक्शा चालकांे से 12 जुलाई को विभिन्न प्रोग्राम के तहत मेरी मुलाकात हुई। उनमंे सोनवर्षा-आलमनगर निवासी पिगल मंडल जो दो बच्चांे के पिता हैं जिन्हंे हमारे एड की ओर से रिक्शा दिया गया ने बताया कि बाढ़ से पहले मैं किराये का रिक्शा खिचता था। और किसी तरह परिवार चला पाता था। लेकिन आज आप लोगांे के द्वारा दिये गये रिक्शा से स्वत्रंत होकर कमा रहा हूँ। किसी भी तरह 4000 से 4500 तक के बीच प्रति माह मजदूरी कमा लेता हूँ। दोनों बच्चों को पढ़ाने लिखाने से लेकर अच्छे से अपने परिवार का भी परवरिश कर रहा हूँ फिर भी 1000 से 1200 के बीच आय का एक हिस्सा बचा भी लेता हूँ। आज मेरी दुनिया ही बदली हुई लगती है। मैं सोचता हूँ कि एक साल बाद बचत के पैसे से कुछ खेती-बारी की जमीन किराया पर लेकर अपनी स्थिति को और ठीक करूँ, जिससे हमारे बच्चे और हमे भविष्य मंे आगे बढ़ने मंे ज्यादा मदद मिलेगा। दूसरे आदमी मिले नागेश्वर राम, सोनवर्षा गोइठ बस्ती, आलमनगर निवासी, अधेर उर्म का यह आदमी 7 बच्चांे के साथ यानी कुल 9 आदमी के कुल बड़े परिवार को पहले किराया पर रिक्शा लेकर उससे कमाकर किसी तरह चलाता था। जिससे वह काफी परेशानी और निराशा भरी जिंदगी जिने को विवश था। इन्हंे भी एड से रिक्शा मिला। आज अपने रिक्शा के साथ काफी स्वाभिमानी और खुश नजर आया। बताया किसी भी तरह 4000 हजार रूपये प्रतिमाह के लगभग कमा ही लेता हूँ। दो बच्चांे को पढ़ाने और लम्बे परिवार के भरन-पोषण के बाद भी 500 से 600 रूपये प्रतिमाह बचत कर पाता हूँ। परिवार को आगे और सुदृढ़ करने के लिए जब कुछ पैसे जमा हो जायंेगे तो बकरी पालन का काम शुरू करूँगा। काफी हिम्मत से बोला अब हम दो बच्चे को आसानी से पढ़ा सकेंगें।

3. आलम नगर प्रखंड मंे ही एक छोटा सा गांव है महमूदा जिसके एक किनारे मंे कुछ गरीब लोग रहते हैं। जो तीयर और मारकण्डे जाति से आते हैं। पिछले साल के विनाशकारी बाढ़ ने इनका झोपड़ी बहा ले गया। तब से आज तक यहां के 20 परिवारांे के पास झोपड़ी खरी करने की भी स्थिति नहीं हो पा रही थी। सरकार और प्रशासन भी इनके तरफ से उदासीन थी। चूँकि इनका कसूर था कि वह गरीब तो थें लेकिन दलित नहीं थे। बिहार सरकार के बी0पी0एल0 सूची मंे नाम लिखवाने मंे भी वे सक्षम नहीं थे। ऐसे मंे वह मजबूर थे खुले आसमान के नीचे जिंदगी बसर करने के। इस इलाके मंे हमलोग काम कर ही रहें थे। हमारे स्थानीय बुजुर्ग कार्यकर्ता कमलेश्वरी साह ने पिछले फरवरी महिने मंे धर्मेन्द्र जी और हमसे उनलोगांे से उन्हीं के गांव मंे मिलवाया। काफी कारूणिक दृश्य था, तत्काल हीं धर्मेन्द्र जी से मैनें कहा कुछ उपाय करना चाहिए। धर्मेन्द्र जी की सहमती थी उन्होंने तत्काल अपने वरिष्ट साथी से चर्चा कर यहां 20 विस्थापितों के घरों को बनवाने के लिए आवश्यक धन उन्हंे मुहैया करा दिया, जिसे हमारे एक स्थानीय कार्यकर्ता कमलेश्वरी साह, फुल टाईमर विकाश कुमार और सुनील कुमार लगातार कैम्प कर मेरे देख-रेख और धर्मेन्द्र जी के निर्देशन मंे बनवा दिया। 22 जुलाई को हमलोगांे को उस पुर्नवासित 20 परिवार की ओर से वहां पहुँचने का दावत आया। मैं धर्मेन्द्र जी और अजीत जी महमुदा गांव पहुँचे। वहां का माहौल काफी खुशनुमा था। उस बिसांे परिवार के प्रमुख महेन्द्र चैधरी एवं रामविलास चैधरी जो थोड़ा पढ़े-लिखंे हंै, धर्मेन्द्र जी से उन घरों का फिता कटवा कर उद्घाटन कराया और हमलोगांे को विश्वास दिलाया कि हम सभी अपने बच्चांे को स्कूल भेजंेगें। स्कूल से वापस घर आने पर महेन्द्र चैधरी ने कहा कि हम उन सभी बच्चांे को निःशुल्क शिक्षा दंेगें।


---Sanjay, AID INDIA, BIHAR

Wednesday, July 8, 2009

More activities in flood area as life recovers

Report June and July 2009









June, 09

  • 10 more rickshaws distributed.
  • 20 houses are ready at mahmuda village and will hand over to beneficiaries at 9th july.
  • 2 sprayer machine to farmers

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July, 09

  • 5 thela will be distributed Supported by ASB
  • 3 Hand pipes to Mahmuda villages supported by ASB
  • Dr. Sheetal team’s team is going on. On 5th july they reach Patna

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  • Wapsi is expected supported by Goonj.

Report May 2009







May, 09

Distribution of relief material with the support of ASB

Aid Bihar staff have taken serious effort to reach people in remote place amid of central election to distribute flood relief material with the support of

ASB (students from American School of Bombay)

  • 25 cycle rickshaw have been distributed in Saharsa and Madhepura district for flood victims. This will help them to earn income for their family.
  • 2000 school kit bag (containing - rubber, pencil, Tiffin box, pencil, notebooks) were distributed in Beldhaure block in Thilkora, Kalyanpatti and Alam Nagar village on 12th May.

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  • In Alam Nagar, house construction for flood victims are half way through and meeting with beneficiary was conducted on 28th and agreement was signed.
  • 490 solar lights were distributed in Madhepura and Saharsa.
  • 500 family kits (1 bed sheet, 1 mosquito) were distributed in Madhepura and Saharsa.

Report April 2009






April, 09

Project: Flood Relief and Rehabilitation

Goal: To provide Relief and Rehabilitation support to more than 4000 flood victims of Sharsa, Madhepura, Khagaria and Supaul districts.

Work done:

  • Verification of the 2000 beneficiaries completed ( The selected beneficiaries will get tool kit under Wapsi Project, supported by GOONJ )

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    ß Tool kit kept for distribution.

    * Meeting with community people in Madhepura à

Highlight of the month

ASB: American school of Bombay organized an event ‘Embrace India’ in ASB campus on 18th April and collected around 8 lacks. A team of 15 members from ASB are planning to come to Bihar from 8th may to 12thmay. The team will distribute school kit bag (1 school bag, 6 notebook, 2 pencils, 2 sharpeners, 2 erasers, 1 pen and 1 Tiffin box) for 2000 students, family kit (1 bed sheet and 1 mosquito net) for 500 people and solar lamps for 490 families.

Thanks to Mathew, Lisa and Russell and the ASB community

The link below is pictures from the ‘Embrace India’ event organized by ASB to raise fund for Bihar flood relief.

http://www.youtube.com/watch?v=wfl3ioJoZqI

http://www.youtube.com/watch?v=XZwW6r_GZQA&feature=player_embedded
http://sites.google.com/a/asbindia.org/bihar-relief/
www.biharfloodrelief.org
http://www.indianexpress.com/news/syllabus-for-service/446265/

Snap shot of fund raising event – ‘Embrace India’

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ß Children performing stage show in ASB.

* Paintings kept for sale in ASB àYour browser may not support display of this image. Your browser may not support display of this image.



ASB Team involved in Bihar Flood relief Action

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Reporting from Jan to March 2009





January, 09

  • Your browser may not support display of this image. 3600 bed sheets and 500 blankets were distributed in collaboration with M.M.Oswal Hosiery
  • Aid Volunteers in Bihar have conducted meetings and survey in the flood affected villages with the people to identify skilled persons (barber, farmer and carpenter) to support them with tool kits in near future with help of Goonj (Ngo) for 2500 families under Wapsi project.
  • Your browser may not support display of this image. Several meetings were conducted with villagers and engineers to finalize home construction for flood victims; finally Aid-India is going to support 60 houses.
  • Aid-India, Bihar has also conducted meetings to provide cycle rickshaw for unskilled persons and nearly 40 people have been selected, rickshaws (each costing rs.5000) have been ordered and would be distributed in March.

February, 09

Winter kits distribution came to an end and Survey for ‘Wapsi’ is going on. So far Aid-India/ Goonj have distributed tool kits to 50 skilled persons like barber, carpenter, constructional worker (Raj Mistri, laborers) etc.

March, 09

  • Last batch of winter kits was distributed on 23rd March to 250 families in Madhepura district.
  • In ‘Wapsi’ project, the distribution of tool kit for the professionals is stopped temporarily due to forthcoming election while the verification of the selected candidate is on process.

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In wapsi project (supported by Goonj) 516 families are benefitted till now. Kits were distributed on 15 feb and 23 march, 09.

Friday, July 3, 2009

Ground Video Report-Er. Vivek Umrao Glendenning

Respected Friend,

Ground Video Report has been published at-
http://www.localgovernance.org/vivekumrao/Koshi-Flood-Report.html

I tried to keep videos as live report thus I did not add voice, sound or comment in time of editing videos.
I only tried to add subtitles to make easy for Non-Hindi persons.

I am pretty sure that these type of ground videos are rare of that time.
These videos exposes many realities and definitely are helpful for Human Right Activists, Right to Information Activists and understanding continuous sufferings of Bihar People.
If one would like to see these videos with sincerity and time will understand ground situations.

We could imagine easily for on going rehabilitation works.

My report if mainly concentrated on Government Relief works and Sufferings of Flood Victims but i would like to say that i do not want to make comments on works of NGOs because i do not want that very few sincere voluntary organizations should not be criticized in generalization of word NGO.

I would like to say that about 99% NGOs were concentrated in same areas, caused less efficiency to reduce sufferings of flood victims.
I am working on a detailed written report, i hope it will be published in coming weeks.

I would like to salute common villagers and non-paid local volunteers who saved thousands of lives, looked after millions of people and still supporting to rehabilitate flood victims.

I request you that please look videos related to Koshi River (Koshi Barrage and Kusaha Areas), it will help to understand many lies of Government of Bihar.
I would like to say with my own working experiences that Bihar Media is one of the most unaccountable and insincere media of the India.

I am sending this report to some international organizations by post to aware them for ground realities.
Actions, processes and other things, i leave on values of individuals and organizations.

To produce this report, from cameraman ship to posting of DVDs, all works are done by me.
There are two DVDs in this video report, the set of DVDs will be sent by post on demand.

Thanks,
Regards,
love,
vivek

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Er. Vivek Umrao Glendenning MCIJ
Member- The Chartered Institute of Journalists, London
Member- International PEN Sydney Centre
Joint Convener- Non Violent Initiative

www.localgovernance.org/vivekumrao

+61- 416697156 (Australia)
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